दोस्तों आज इस लेख में हम बात करने वाले है Bakrid 2023 के बारे में जहा हम यह जानेंगे की आखिर एक बकरे की किम्मत 7 लाख जितनी क्यों हुई और फिर भी मालिक उसे बेच नहीं सका. आखिर कौनसा वह कारण रहा होगा! आइये इस लेख में Bakrid 2023 के बारे में बात करते हुए इसके बारे में विस्तार से जाने।
Bakrid 2023 का त्योहार इस साल जून के अंत में मनाया जाएगा. मालूम हो कि बकरीद मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस्लाम के अनुसार बकरीद का त्योहार बलिदान का प्रतीक है। आपको बता दें कि बीते दिनों जिलहिज्ज महीने का चांद नजर आ गया है. बकरीद की तारीख का भी ऐलान हो गया है.
इस साल ईद उल-अजहा यानी बकरीद 4 August 2023 को मनाई जाएगी. मालूम हो कि बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरों की खरीदारी भी शुरू हो गई है. हालाँकि, बकरियाँ आम तौर पर मध्यम कीमत पर उपलब्ध होती हैं। लेकिन राजस्थान के झुंझुनू में एक ऐसा बकरा है, जिसकी कीमत सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है.
बकरे की बोली 7 लाख तक लगी
मालूम हो कि यह बकरा झुंझुनू जिले के गाड़ाखेड़ा गांव में है. बकरे की कीमत सुनकर हर कोई हैरान है. इस बकरे को खरीदने के लिए लोगों की लाइन लगी हुई है लेकिन मालिक अभी भी बकरे को बेचने के लिए तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि खरीदार ने इस बकरे की कीमत 7 लाख रुपये तक लगाई है, लेकिन मालिक टस से मस नहीं हो रहा है.
इस वजह से बकरा महंगा हुआ
बताया जा रहा है कि इस बकरे की गर्दन पर अरबी भाषा में अल्लाह लिखा हुआ है और इसी वजह से हर कोई इस बकरे की कुर्बानी देना चाहता है. बकरे पर अल्लाह लिखा होना लोगों के लिए कौतूहल का विषय है। वहीं, बकरी के मालिक को भी इसकी अहमियत पता चल गई है. बकरे के मालिक को उम्मीद है कि उनके बकरे की बोली 7 लाख से ऊपर जा सकती है.
बाजार में इस बकरे की मांग बढ़ी
Bakrid 2023: गौरतलब है कि दिनेश कुमार पिछले 5 साल से झुंझुनू में बकरी पालन कर रहे हैं. बकरीद के मौके पर बाजार में दिनेश के बकरे की मांग बढ़ गई है क्योंकि उसकी गर्दन पर अल्लाह लिखा हुआ है. दिनेश ने कहा कि वह काफी दिनों से बकरीद का इंतजार कर रहे थे. उनका मानना है कि इस बार बकरीद पर उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी.
बलि क्यों दी जाती है?
आपको बता दें कि ‘बकरीद’ को अरबी में ईद-उल-जुहा कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन हजरत इब्राहिम अपने बेटे इस्माइल को खुदा के लिए कुर्बान करने वाले थे, लेकिन तभी खुदा ने उनके बेटे को जीवनदान दे दिया, इसीलिए यह दिन उन्हें समर्पित है. अरबी में ‘बकर’ का अर्थ है ‘बलि किया गया बड़ा जानवर’, ईद-ए-कुर्बान का अर्थ है ‘बलिदान की भावना’।
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