दांत दर्द का मंत्र | Dant dard ka Mantra

नमस्कार दोस्तों, आज आपको दांत दर्द का मंत्र (Dant dard ka Mantra) बताने जा रहे है. जी हां, क्यूंकि सिर्फ हमारे मोहल्लो में ही नहीं बल्कि दुनिया में कई ऐसे लोग होते है जिन्हे अंदर ही अंदर दांत की समस्या परेशान कर रही होती है, वे दवाइया ले लेकर भी थक चुके होते है लेकिन अन्य कोई उपाय उन्हें दिख नहीं रहा होता! तो इसी लिए आज इस लेख के माध्यम से हम उन सभी के लिए एक बेजोड़ उपाय लेके आये है जो है दांत दर्द का मंत्र! तो इसके बारे में जानने के लिए कृपया अंत तक लेख जरूर पढ़े.

तो कई लोग जो दांत में दर्द की समस्या से जूझ रहे है खास उनके लिए है यह दांत दर्द का मंत्र, चलिए अब इसे हम बड़े विस्तार से जानते है, की आखिर क्यों यह दांत दर्द का मंत्र इतना शक्तिशाली और पावन माना गया है और कैसे यह आपके दांत के दर्द को चुटकियो में खत्म करने की ताकत रखता है.

दांत दर्द का मंत्र (Dant dard ka Mantra)

दांत दर्द का मंत्र: आइये अब हम दांत दर्द का मंत्र के बारे में विस्तार से देखते है और माहिती लेते है:

1. दांत दर्द के लिए शाबर मंत्र

दांत दर्द में साबर मंत्र का प्रयोग किया जाता है। इस मंत्र से दांत का दर्द दूर हो जाता है जिससे दांत का दर्द दूर हो जाता है। ऐसे में दांत दर्द से निजात पाने के लिए आपको सबसे पहले इस मंत्र को सिद्ध करना होगा।

हिन्दू धर्म के किसी भी शुभ पर्व जैसे होली, दीपावली या किसी ग्रहण के दिन इसे सिद्ध करने के लिए शुभ मुहूर्त का निर्धारण कर उसी समय घी का दीपक जलाकर नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जप करें।

ऐसा करने के बाद अगर आपके दांत में दर्द हो रहा है तो आपको इस मंत्र का 7 बार जाप करना है और अपने दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली से दांत के दर्द को मंजन करना है, दांत का दर्द दूर हो जाएगा।

आग बांधौं, अगिया बैताल बांधौं,
सौ काल विकराल बांधौं,
सौ लोहा लोहार बांधौं।
वज्र अस होय बज्रघन,
दांत पिसय तो महादेव की आन।

2. दांत दर्द के लिए हनुमान मंत्र

दांत दर्द से छुटकारा पाने के लिए हनुमान मंत्र का जाप करना एक प्रभावी उपाय है। दिवाली के दिन मध्यरात्रि 12:00 बजे घी का दीपक जलाकर शुभ माना जाता है। 108 मोतियों की माला से सात बार इस मंत्र का जाप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। ऐसा होता है।

तब यह मंत्र सिद्ध हो जाता है, इसके बाद आप दांत के दर्द से छुटकारा पाने के लिए नीम की टहनी से इस मंत्र का जाप करें।

ओम नमो आदेश गुरु को,
बन में व्याई अंजनी, जिन जाया हनुमन्त।

3. दांत दर्द के लिए गायत्री मंत्र

अगर आपके दांत में ज्यादा दर्द हो रहा है तो आपको गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। गायत्री मंत्र का जाप करने से आपके दांतों का दर्द कम हो जाएगा और फिर धीरे-धीरे आपको दांत दर्द से राहत मिल जाएगी, लेकिन इस दौरान आपको 108 मोतियों की माला धारण करनी होगी। गायत्री मंत्र का जाप करते रहें।

‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर वरेण्य भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयत्’।

दांत दर्द के लिए अन्य मंत्र

“ओम गम गणपतये नमः”:
अर्थ: यह मंत्र विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद दांत दर्द को कम करने और दांतों के दर्द से जुड़ी किसी भी बाधा या चुनौती को दूर करने के लिए मिलता है। भगवान गणेश को सफलता प्रदान करने वाले और बाधाओं को दूर करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है, और इस मंत्र को भक्ति के साथ पढ़ने से दांत दर्द से राहत मिल सकती है।

“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सोमाय नमः”:
अर्थ: यह मंत्र चंद्रमा देवता भगवान चंद्र से जुड़ा है। माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से ठंडक मिलती है और दांतों के दर्द से राहत मिल सकती है। माना जाता है कि मंत्र की ध्वनि और कंपन ऊर्जा को संतुलित करते हैं और प्रभावित क्षेत्र में सुखदायक राहत लाते हैं। शांति और शांति से जुड़े भगवान चंद्र की ऊर्जा का आह्वान करके, इस मंत्र का उद्देश्य दांतों की परेशानी को कम करना है।

“नमो नारायण”:
अर्थ: इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की दिव्य ऊर्जा का आवाहन होता है। भगवान विष्णु को हिंदू पौराणिक कथाओं में संरक्षक और संरक्षक माना जाता है और उनकी चिकित्सा क्षमताओं के लिए जाना जाता है। “ओम नमो नारायण” मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद समग्र कल्याण और दांत दर्द से राहत के लिए मिलता है। दैवीय ऊर्जा के सामने समर्पण करके, व्यक्ति दंत दर्द के लिए दैवीय हस्तक्षेप और उपचार चाहता है।

“ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं ऐं सौं सरस्वतीय नमः”:
अर्थ: यह मंत्र ज्ञान, बुद्धि और कला की देवी सरस्वती से जुड़ा है। इस मंत्र का जाप करने का उद्देश्य दांत दर्द से राहत दिलाना और मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। माना जाता है कि देवी सरस्वती लोगों को वाणी, बुद्धि और वाक्पटुता का आशीर्वाद देती हैं। इस मंत्र का जाप करके, व्यक्ति मौखिक स्वच्छता को ठीक करने और बनाए रखने के लिए देवी सरस्वती का आशीर्वाद मांगता है।

“ओम श्री धन्वंतरे नमः”:
अर्थ: यह मंत्र हिंदू पौराणिक कथाओं में दिव्य चिकित्सक भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। भगवान धन्वंतरि को प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के देवता के रूप में माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और दांतों के दर्द(दांत दर्द का मंत्र) से राहत मिलती है। माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि के पास दांत दर्द सहित शारीरिक बीमारियों को ठीक करने का ज्ञान और शक्ति है, और इस मंत्र का जाप करना उनके दिव्य हस्तक्षेप का आह्वान है।

“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”:
अर्थ: यह शक्तिशाली मंत्र देवी चामुंडा से जुड़ा है, जो दिव्य स्त्री का एक उग्र रूप है। इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करने से दांत दर्द से सुरक्षा और राहत मिलती है। देवी चामुंडा आदि ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं जो बाधाओं को दूर कर सकती हैं और नकारात्मकता को नष्ट कर सकती हैं। इस मंत्र का जाप करके, व्यक्ति दांतों के दर्द को कम करने और चुनौतियों पर काबू पाने में शक्ति प्रदान करने के लिए देवी चामुंडा का आशीर्वाद और दिव्य हस्तक्षेप चाहता है।

याद रखें, इन मंत्रों का जाप आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक आराम प्रदान कर सकता है, दांत दर्द के उचित निदान और उपचार के लिए पेशेवर दंत चिकित्सा देखभाल की तलाश करना महत्वपूर्ण है।

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Conclusion

तो दोस्तों यह थे वह Dant dard ka Mantra यानि दांत दर्द का मंत्र जिन्हे अगर आप Regular बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ बोलेंगे तो जरूर से आपका यह दांत का दर्द मिटेगा और आपको बड़ी ही राहत मिलेगी। यह लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, कृपया इसे अपने अन्य दोस्तों से share करे ताकि वे भी दांत दर्द का मंत्र पढ़ सके और अपनी दांतो के दर्द की समस्या से छुटकारा पा सके.

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