Pregnancy Diet Chart in Hindi | प्रेगनेंसी डाइट चार्ट हिंदी में

इस लेख में हम विस्तार से Pregnancy Diet Chart in Hindi (प्रेगनेंसी डाइट चार्ट हिंदी में) के मुद्दे पर बात करने वाले है, तो यदि आप फ़िलहाल गर्भवती है और यह जानना चाहती है की हमारा Pregnancy Diet Chart in Hindi क्या होना चाहिए या pregnancy में क्या नहीं खाना चाहिए तथा किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए, तो आपसे प्रार्थना है की इस लेख को पूरा पढ़े बगैर मत जाना क्यूंकि इसी विषय पर आज हम बेहद महत्वपूर्ण जानकारी आपको बताने वाले है. तो आये जानते ही वह क्या है.

देखिए अगर आप एक स्त्री हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि गर्भावस्था आपके जीवन में कितनी महत्वपूर्ण होती है, इतना ही नहीं पिता बनना एक पुरुष के लिए भी बहुत रोमांचक होता है। यह समय जितना महत्वपूर्ण है, इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है कि क्या करें और क्या न करें, कौन सा प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट फॉलो करें और क्या न खाएं।

इस दौरान महिला के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं जो मिजाज, भूख और शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करने के रूप में दिखाई देते हैं। ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बार-बार जी मिचलाने की समस्या का सामना करना पड़ता है, जो उनके आहार और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि भोजन में आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड और विटामिन शामिल हों।

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गर्भावस्था के दौरान कौन से डाइट चार्ट का पालन करना चाहिए जो पोषण में उच्च हो और आपको पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखने में भी मदद करे। आइए नजर डालते हैं Pregnancy Diet Chart in Hindi.

Pregnancy Diet Chart in Hindi (प्रेगनेंसी डाइट चार्ट हिंदी में)

तो आइये अब हम Pregnancy Diet Chart in Hindi के बारे में विस्तार से चर्चा कर लेते है जिसके लिए हम यहाँ आये है:

पहला महीना – पहले महीने में महिलाओं को ठंडा दूध और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। जिसमें फल, सब्जियां, दाल आदि ले सकते हैं।

दूसरा महीना – इस महीने में गर्भवती महिलाएं मौसमी फल, सब्जियां, दूध, दही, रोटी खाने के साथ दूध के साथ आयुर्वेदिक औषधि शतावरी ले सकती हैं। शतावरी प्रजनन क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ विटामिन की कमी को पूरा करती है। इसके अलावा बाला यानी सीडा कोर्डिफोलिया भी ले सकते हैं। यह शरीर में ताकत, ऊर्जा, हड्डियों और जोड़ों की ताकत बढ़ाने वाली औषधि है।

तीसरा महीना- इस महीने में महिलाओं को दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए। इनमें दही, पनीर, छाछ, घी शामिल हैं। इसके अलावा इस महीने से शहद का सेवन शुरू कर दें। रोजाना ठंडे दूध में शहद मिलाकर लें। यह मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। पौष्टिक भोजन करें।

चौथा महीना – चौथे महीने में दूध के साथ-साथ मक्खन खाना बहुत फायदेमंद होता है। छाछ पीना भी फायदेमंद होता है। साथ ही मौसमी फल, सब्जियां, सलाद, जूस भी लेते रहें।

पांचवां महीना – गर्भावस्था के पांचवें महीने में खूब दूध और घी लें।

पांचवा महीना- इस मास में दूध, घी, मीठी वस्तु, मीठे फल, अनाज आदि का सेवन करें।

सातवाँ महीना – सातवें महीने में खूब दूध पियें। इसके साथ ही आप दूध में घी भी ले सकते हैं। इस मास में घी का सेवन करें।

आठवां महीना- इस महीने में गर्भ में भ्रूण का वजन बढ़ने लगता है। इस महीने में दूध में घी मिलाकर दलिया खाएं। दलिया गेहूं या जौ का हो सकता है।

नौवा महीना– इस मास में पके हुए चावल घी के साथ खा सकते हैं। अगर कोई मांसाहारी है तो वह मीट सूप में घी डालकर भी पी सकती है।

Pregnancy में न खाएं ये फूड्स

अस्वास्थ्यकर दूध और बिना पाश्चुरीकृत दूध से बने भोजन के सेवन से बचें।

  • पिज़्ज़ा, बरगर या हॉट डॉग जैसी चीज़े और अधिक मांस का सेवन न करें।
  • कच्चा और अधपका समुद्री भोजन, अंडे और मांस खाने से बचें।
  • उच्च वसायुक्त/Fat भोजन खाने से बचें।
  • विदेशी चीजों के सेवन से परहेज करें।
  • ज्यादा चीनी और नमक खाने से बचें।
  • कोक और सोडा के सेवन से बचें।
  • पुरानी और पैकेज्ड चीजों को खाने से बचें।
  • शराब के सेवन से बचें।
  • गर्भावस्था में धूम्रपान भी छोड़ देना चाहिए।
  • आप जो भी खाएं उसे धोकर साफ करके खाएं।
  • चीजों को अच्छे से पकाकर खाएं।
  • हाथों की स्वच्छता का भी ध्यान रखें।

गर्भावस्था के दौरान अच्छा पोषण और पर्याप्त पोषण मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है। हालांकि, गर्भावस्था के पहले कुछ महीनों के दौरान मतली और उल्टी खाना-पीना मुश्किल बना सकती है। इसलिए संतुलित आहार खाने की कोशिश करें और प्रसवपूर्व विटामिन लें। इन सारी बातो को ध्यान में रखेंगे तो आपको गर्भावस्था के दौरान जरूर से किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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Conclusion

हमारा उद्देश्य आपको pregnancy diet chart in hindi के बारे में अच्छे से knowledge देना था, लेकिन हम यहाँ आपसे निवेदन करना चाहेंगे की जब भी situation हाथो में न लगे या आपको प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा कष्ट हो तो कृपया डॉक्टर से ही सलाह सूचन करे और उन्ही की दी हुई guidelines का पालन करे. कृपया डोक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह ही मान्य होगी ऐसे हालात में! Pregnancy Diet Chart in Hindi पढ़ने के लिए आभार।

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