Rashtriy Ekta Per Nibandh | राष्ट्रीय एकता पर निबंध

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जी हां दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से आप Rashtriy ekta per nibandh (राष्ट्रीय एकता पर निबंध) के बारे में पढ़ेंगे जिसमे आपको यह बताया जाएगा की राष्ट्रीय एकता दिवस आखिर मान्य क्यों जाता है और कैसे इस दिन की शुरुआत हुई थी, किनकी याद में और किसने की थी.

तो यह सारी जानकारी आपको निचे दिए गए Rashtriy ekta per nibandh के माध्यम से पता चलेगी, तो चलिए अब बिना किसी बात का समय गवाए शुरू करते है Essay on National Unity in Hindi और जानते है राष्ट्रिय एकता दिवस के बारे में विस्तार से और उसका महत्व!

Rashtriy ekta per nibandh | राष्ट्रीय एकता पर निबंध

Rashtriy Ekta Per Nibandh: राष्ट्रीय एकता दिवस की सभी को बहुत-बहुत बधाई। राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर हम सभी यहां उपस्थित हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल 31 अक्टूबर को पूरे भारत में लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था।

राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है?

वल्लभभाई पटेल, जिन्हें सरदार पटेल के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय वकील और प्रभावशाली राजनेता थे, जिन्होंने 1947 से 1950 तक स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और भारत के पहले गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और इसके एकीकरण का मार्गदर्शन किया। एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में 562 रियासतों का भारत में विलय एक असंभव कार्य था जिसे सरदार पटेल ने अपने दम पर किया था।

नव स्वतंत्र देश में राष्ट्रीय एकता के प्रति वल्लभभाई पटेल की प्रतिबद्धता पूर्ण और अडिग थी, जिससे उन्हें “भारत का लौह पुरुष” की उपाधि मिली। हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का उद्देश्य भारत सरकार द्वारा 2014 में पेश किया गया था। राष्ट्रीय एकता एक भावना है जो किसी राष्ट्र या देश के लोगों के बीच भाईचारे या प्रेम और राष्ट्र के प्रति अपनेपन की भावना को दर्शाती है।

एकता की भावना जरूरी है

इस राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने के लिए उस देश में रहने वाले लोगों का जागरूक, समझदार, सहिष्णु और उदार हृदय आवश्यक है। हर वर्ग को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि देश रहेगा और राष्ट्र रहेगा। राष्ट्रीय एकता के लिए एकता की भावना पहली और आवश्यक शर्त है।

कैसे मनाया जाता है?

राष्ट्रीय एकता दिवस पूरे देश में असाधारण जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। हर जगह लोग ‘भारत के लौह पुरुष’ को श्रद्धांजलि देते हैं और राजनीतिक रूप से एकीकृत भारत में उनके योगदान को याद करते हैं।

यह दिन भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के लिए भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि सरदार पटेल ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने “आधुनिक अखिल भारतीय सेवा प्रणाली” की शुरुआत की थी, जिसे पहले भारतीय सिविल सेवा के रूप में जाना जाता था।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, ‘भारत के सिविल सेवकों के संरक्षक संत’ के रूप में याद किए गए व्यक्ति को अपना सम्मान देने के लिए, राज्य सचिवालयों और अन्य प्रासंगिक स्थानों में इकट्ठा होते हैं।

महत्व

सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री थे। वह भारत के राजनीतिक एकीकरण के पीछे दिमाग था। उनके जन्मदिन को विश्व एकता दिवस के रूप में मनाना दो महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करता है – पहला यह भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल को एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है और दूसरा, यह हमें हमारी एकता और अखंडितता की याद दिलाता है। यह अखंड भारत के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाता है।

Events और गतिविधियाँ

राष्ट्रीय एकता दिवस पर शिक्षण संस्थानों, स्कूलों, सरकारी कार्यालयों और अन्य स्थानों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। केंद्र और राज्य दोनों सरकारें इस संबंध में संबंधित संगठनों को दिशा-निर्देश जारी करती हैं।

स्कूलों में विशेष स्मारक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें बच्चे सरदार पटेल को अपना सम्मान देते हैं और राजनीतिक रूप से एकीकृत भारत के लिए उनकी इच्छा और संकल्प पर बोलते हैं।

31 अक्टूबर 2018 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के केवडिया में सरदार पटेल की 182 मीटर लंबी मूर्ति का उद्घाटन किया गया था। यह सूरत से 150 किमी दूर स्थित है और सरदार सरोवर बांध का सामना करता है। भारत के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग राष्ट्रीय एकता दिवस पर सरदार पटेल को सम्मान देने के लिए प्रतिमा और संग्रहालय आते हैं।

संसद में सरदार पटेल को सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ-साथ विपक्ष के सदस्यों द्वारा भी श्रद्धांजलि दी जाती है।

राष्ट्रीय एकता राष्ट्र को मजबूत और संगठित बनाती है। राष्ट्रीय एकता वह भावना है जो विभिन्न धर्मों, संप्रदायों, जाति, पहनावे, सभ्यता और संस्कृति के लोगों को एक साथ बांधती है। जब तक किसी राष्ट्र की एकता मजबूत होती है, तब तक वह राष्ट्र भी मजबूत होता है। लेकिन जब-जब बाहरी ताकतें राष्ट्रीय एकता को तोड़ती हैं, तब-तब राष्ट्र को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। भारत एक विशाल देश है और यहां विभिन्न समुदायों, संस्कृतियों और जातियों के लोग एक साथ रहते हैं।

विविधता में एकता, यही है भारत की विशेषता

राष्ट्रीय एकता दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस पर देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। इसके अलावा शपथ ग्रहण समारोह, मार्च पास्ट, ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन जैसे कार्यक्रम देश भर में सरकार द्वारा आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हम सभी भारतीय नागरिकों को एकजुट होना होगा, तभी देश का विकास संभव है।

 

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Conclusion

तो दोस्तों हमे पूरी आशा है की इस Rashtriy ekta per nibandh | राष्ट्रीय एकता पर निबंध को पढ़कर अब आपको राष्ट्रिय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है, कैसे इसकी शुरुआत हुई थी, किसकी याद में और किसके द्वारा इन सब की माहिती अच्छे से मिल गयी होगी! और अगर आपके बच्चो को भी exam में Essay on National Unity in Hindi लिखने को कहा जाए तो वे भी इस आर्टिकल को पढ़के एक अच्छा सा Rashtriy ekta per nibandh लिख पाएंगे इतने सादे और सटीक शब्दों में हमने यह राष्ट्रीय एकता पर निबंध आपके सामने पेश किया है! कृपया अन्य लोगो को भी यह पोस्ट शेयर करे ताकि वे भी Rashtriy ekta per nibandh पढ़ सके और समज सके! बहुत आभार!

Rashtriy ekta per nibandh के ऊपर महत्वपूर्ण FAQs

राष्ट्रीय एकता दिवस क्या है?

हर साल हम सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हैं।

सरदार वल्लभभाई पटेल को कौन सी उपाधि दी गई थी?

सरदार वल्लभभाई पटेल को लोकप्रिय रूप से 'भारत का लौह पुरुष' कहा जाता था।

भारत में पहला राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया गया?

राष्ट्रीय एकता दिवस पहली बार 2014 में मनाया गया था।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्या है?

यह इस महान भारतीय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए गुजरात में निर्मित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है।

राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का मकसद क्या है?

राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का मकसद भारत के लोगों को एकजुट करने में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करना है।

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