उठा ले रे बाबा उठा ले, मुझ आमिर को नहीं इन दो गरीब को उठा ले   

जान पहचान वाली नहीं हे रे ऐसे कैसे उठा लू   

मैं तो तेरे को हरामी समझता था, तू तो देव मनुष्य निकला 

तेरे पास कोई और रास्ता है? 

इधर ज़हर खाने का पैसा नहीं, तू जा रे   

 दारु नहीं रे बाबा दवाई है   

 अरे बाबा रॉंग नंबर है तो उठती कैको है रे?  

 ये बाबू राव का स्टाइल है, समझा। 

 दारू मैं मेरे बाप का गेराज चला गया, पूरा प्रॉपर्टी चला गया, खुद मेरा बाप चला गया, तेरा खांसी क्या नहीं जायेगा रे 

 पकड़ मेरेको, मेरेको जानता नहीं है ये 

खोपड़ी तोड़, खोपड़ी तोड़ साले का

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