Yojak Chinh Wale Shabd | योजक चिन्ह वाले शब्द

दोस्तों आज के आर्टिकल में हम Yojak Chinh Wale Shabd | योजक चिन्ह वाले शब्द के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले है तो आपने निवेदन है किआ खीर तक लेख को जरूर पढ़े क्यूंकि आज के लेख को पढ़ने के बाद आपको किसी और जगह पर Yojak Chinh Wale Shabd के बारे में ढूंढने या पढ़ने नहीं जाना पड़ेगा!

योजक चिन्ह का चिह्न (-) है। हिन्दी में लघु विराम चिन्ह के बाद योजक चिह्न का प्रयोग सबसे अधिक होता है। योजक का अर्थ जोड़ने वाला या जोड़ने वाला होता है। अत: दो शब्दों के बीच के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए Yojak Chinh का प्रयोग किया जाता है।

आये अब हम सबसे पहले Yojak Chinh Wale Shabd का अर्थ और उसके बाद फिर Yojak Chinh Wale Shabd के कुछ उदाहरण जानेंगे।

योजक चिन्ह (-) का अर्थ!

हिंदी में कॉमा के बाद योजक चिन्ह (-) का काफी इस्तेमाल होता है। लेकिन इसके दुरूपयोग भी कम नहीं हुए। हिन्दी व्याकरण की पुस्तकों में इसके प्रयोग के बारे में बहुत कम लिखा गया है। इसलिए इसके इस्तेमाल के तरीके स्पष्ट नहीं हैं। नतीजा यह होता है कि हिन्दी के लेखक उसके साथ मनमाना व्यवहार करते हैं। हिन्दी व्याकरण में इस पर निश्चित नियमों का अभाव है।

प्रश्न यह है कि हिन्दी में योजक चिन्ह के प्रयोग की क्या आवश्यकता और उपयोगिता है? इसका उपयोग क्यों किया जाना चाहिए? उत्तर स्पष्ट है कि जोड़ने वाला चिन्ह/योजक चिन्ह वाक्य में प्रयुक्त शब्दों और उनके अर्थ को हर तरह से स्पष्ट करता है। जोड़ने वाले शब्दों का ठीक से ध्यान न रखने की स्थिति में अर्थ और उच्चारण संबंधी कई गलतियाँ हो सकती हैं। जोड़ने वाला प्रतीक मूल रूप से वाक्य में उत्पन्न होने वाले अर्थ, उच्चारण और संगठन से संबंधित त्रुटियों को दूर करने का एक साधन है।

योजक चिन्ह के उदहारण के उदाहरण

  1. जीवन में सुख-दुख आते-जाते रहते हैं।
  2. जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।
  3. मैंने अपना एक-तिहाई वजन कम किया।
  4. मुझे दाल और चावल बहुत पसंद हैं।
  5. रमेश लड़ने-जगडने के लिए हमेशा तैयार रहता है।
  6. कम से कम मैंने कुछ किया।

उपरोक्त सभी उदाहरणों में सुख-दुख, उतार-चढ़ाव, एक तिहाई, दाल-चावल, पिटाई, कम से कम आदि में योगों का प्रयोग किया गया है।

Yojak Chinh Wale Shabd के प्रयोग और उनके उदाहरण

तो Yojak Chinh Wale Shabd का अर्थ जानने के बाद अब आइये देखते है Yojak Chinh Wale Shabd का प्रयोग कैसे किया जाता है:

  1. तथा – हम भारतवासियों को अपनी संस्कृति तथा सभ्यता पर गर्व है।
  2. और – सुमन और प्रसून साथ -साथ आएँगे।
  3. एवं – केशव तथा श्यामा चिड़ियों एवं अंडो की हिफाज़त  करना चाहते थे।
  4. व – चिड़िया को नदी व विजन से बहुत प्यार है।
  5. तो – परिश्रम करोगे तो जरूर पास हो जाओगे।
  6. परन्तु – वह धनी है, परन्तु अत्यंत क्रूर है।
  7. मगर – पापा ने छोटू को उधर जाने से मना किया मगर वह न माना।
  8. कि – पुराने ज़माने के लोग सोचते थे कि अक्षरों की खोज ईश्वर ने की है।
  9. बल्कि – अक्षरों की खोज ईश्वर ने नहीं बल्कि आदमी ने की है।
  10. इसलिए – दूसरे ग्रह के लोग हमारे बारे में जान जाएंगे, इसलिए इस यान को हमें देखते रहना होगा।
  11. पर – नागराजन अपनी एल्बम सभी को दिखता पर हाथ न लगाने देता।
  12. किन्तु – मैंने उसे कई आवाजें दी, किन्तु उसने मुड़कर न देखा।
  13. क्योंकि – मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूँ, क्योंकि घर पर जरुरी काम है।
  14. ताकि – नेहरू जी इंदिरा जी को पत्र लिखा करते थे ताकि वह दुनिया के विषय में जान सके।
  15. अथवा – तुम पढ़ो अथवा खेलने चले जाओ, पर शोर मत करो।
  16. या – उसने मुझसे पुछा, “तुम चाय लोगे या कॉफ़ी”.
  17. अन्यथा – कुछ मेहनत कर लो, अन्यथा कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
  18. लेकिन – हिंदुस्तान एक बड़ा देश है, लेकिन इंग्लैंड एक छोटा सा टापू है।
  19. जबकि – वह परीक्षा में फेल हो गया जबकि उसने बहुत मेहनत की थी।
  20. चूँकि – वह आज खेलने नहीं आएगा चूँकि उसके घर में कोई नहीं है।

 

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Conclusion

आशा ही की आज के इस लेख को पढ़ने के बाद आपको Yojak Chinh Wale Shabd यानी योजक चिन्ह वाले शब्द के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त हुई होगी। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे और लोगो से भी शेयर करे और उन्हें भी योजक चिन्ह वाले शब्द के बारे में जानने का मौका दे! बहुत बहुत शुक्रिया।

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