पीटीपी-एनईआर योजना 2023 | उद्देश्य, विशेषताए, पात्रता, ऑनलाइन आवेदन

इस लेख में आज हम बात करेंगे की पीटीपी-एनईआर योजना(PTP-NER Yojana) क्या है? इस योजना के शुरू करने के पीछे का कारण क्या है कब इस योजना की शुरुआत हुई इन सब के बारे में डिटेल में माहिती प्राप्त करेंगे। तो कृपया आखिर तक लेख पढ़िए जिससे आपको पीटीपी-एनईआर योजना के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सके.

दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि भारत की केंद्र सरकार दुनिया भर में आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा दे रही है इसलिए वे भी अपने उत्पादों के जरिए मार्केटिंग की दुनिया में कदम रख सकते हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के विकास के लिए मणिपुर में इस योजना का शुभारंभ किया। इस योजना को उत्तर-पूर्वी क्षेत्र योजना से जनजातीय उत्पादों के प्रचार के लिए विपणन और रसद विकास कहा जाता है। पीटीपी-एनईआर योजना कौन सा संक्षिप्त नाम है।

आज इस खेती दुनिया के लेख के माध्यम से हम पीटीपी-एनईआर योजना के बारे में जानेंगे जैसे योजना क्या है?, आप इस योजना से लाभ कैसे ले सकते हैं और योजना की विशेषताएं क्या हैं? तो चलिए शुरू करते हैं और आपको PTP-NER के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करते हैं।

पीटीपी-एनईआर योजना Details Table

आर्टिकल का नाम  पीटीपी-एनईआर योजना
योजना का नाम PTP-NER Yojana
सम्बंधित विभाग जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार
सम्बंधित मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा (केंद्रीय मंत्री)
उद्देश्य जनजाति कामगारों को रसद एवं मार्केटिंग मदद देना
लाभार्थी उत्तर-पूर्वी राज्यों के आदिवासी कारीगर
माध्यम ऑफलाइन
आधिकारिक वेबसाइट यहाँ से ओपन करे

 

पीटीपी-एनईआर योजना के मुख्य उद्देश्य

  • PTP-NER योजना से देश के उत्तर-पूर्वी भागों की अनुसूचित जनजातियों को लाभ होगा।
  • योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के जनजातीय उत्पादों की खरीद, रसद और विपणन की क्षमता विकसित करके जनजातीय समुदाय के श्रमिकों की आजीविका को मजबूत करना है।
  • PTP-NER योजना के तहत, वर्ष 2023 में अप्रैल और मई के महीने में 60 से अधिक जनजातीय कारीगर मेले (टीएएस) आयोजित किए जाने हैं।
  • यह योजना देश में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में लागू की जाएगी।
  • इन सभी राज्यों के विभिन्न जिलों में 68 आदिवासी समुदायों के कारीगर मेलों का आयोजन करके उत्तर-पूर्वी भागों में आदिवासी श्रमिकों का एक पैनल शुरू किया जाना है।
  • सभी उम्मीदवारों को ध्यान रखना चाहिए कि केंद्र सरकार इस योजना को शुरू करके आदिवासी कारीगरों को कुशल और विकसित बनने का अवसर देना चाहती है।
  • पीटीपी-एनईआर योजना के माध्यम से सरकार ने देश के जनजातीय उत्पादों और उनकी संस्कृति को दुनिया भर में पहचान दिलाने का लक्ष्य रखा है।

PTP-NER योजना में उत्पाद प्रचार के लिए पात्रता

  • इस योजना का लाभ केवल आदिवासी उत्पाद बनाने वाले कारीगरों को ही मिलेगा।
  • आयोजित होने वाले मेले में आदिवासी शिल्पकारों को भागीदारी मिलेगी।

पीटीपी-एनईआर योजना की आवेदन प्रक्रिया

देश के उत्तर-पूर्वी भागों के लिए भारत सरकार की PTP-NER योजना शुरू करके, आदिवासी समुदाय के कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों के प्रचार में विपणन और रसद विकास के तहत खुद को पंजीकृत करने की ऑनलाइन प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। अभी यह केवल सूचना है कि जो भी इच्छुक आदिवासी कारीगर इस योजना में अपना पंजीकरण कराना चाहते हैं उन्हें ट्राइफेड के कार्यालय में जाकर संपर्क स्थापित करना होगा.

कुछ अन्य तरीकों से भी आप कॉन्टैक्ट के डिटेल्स सेक्शन में देख पाएंगे। उम्मीदवार जनजातीय मामलों के मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट https://trifed.tribal.gov.in पर खुद को पंजीकृत करने का दूसरा तरीका देख सकते हैं।

PTP-NER योजना में लाभार्थी राज्यों के नाम

  • अरुणाचल प्रदेश
  • असम
  • मेघालय
  • नगालैंड
  • मणिपुर
  • मिजोरम
  • त्रिपुरा
  • सिक्किम

आदिवासी कारीगरों के लिए PTP-NER योजना का महत्व

पीटीपी-एनईआर योजना आदिवासी कारीगरों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें बाजार में अपने उत्पादों और कौशल को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। इससे जनजातीय उत्पादों की व्यापक मांग सृजित करने में मदद मिलेगी, जिससे जनजातीय कारीगरों की आय और आजीविका के अवसर बढ़ेंगे। इस योजना का उद्देश्य आदिवासी समुदायों की समृद्ध पारंपरिक शिल्प कौशल और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना और संरक्षित करना है, जिससे उनका सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सके।

PTP-NER Yojana के लाभ और विशेषताएं

  1. केंद्र सरकार ने देश के आदिवासी कारीगर नागरिकों के काम को प्रोत्साहित करने और लाभान्वित करने के लिए पीटीपी-एनईआर योजना शुरू की है।
  2. आदिवासी कारीगरों, पीटीपी-एनईआर योजना के लाभार्थियों को योजना के माध्यम से रसद और विपणन के लिए सहायता मिलेगी, ताकि उनके उत्पादों को खुले बाजार में बेचा जा सके।
  3. साथ ही लाभार्थी शिल्पकारों को अधिक से अधिक लाभ देने के उद्देश्य से आदिवासी शिल्प मेले भी आयोजित किये जायेंगे।
  4. पीटीपी एनईआर योजना उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी उद्यमियों और क्षेत्रीय उत्पादों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
  5. इसके अलावा, योजना से जुड़े लाभार्थी को अपने कौशल विकास के लिए कई कौशल विकास कार्यक्रमों और डिजाइनिंग प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
  6. पूर्वोत्तर के जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विपणन और रसद विकास योजना भारतीय डाक के माध्यम से सभी कारीगरों को रसद सहायता प्रदान करेगी।
  7. पीटीपी एनईआर योजना के लाभार्थियों को देश भर में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
  8. भारत सरकार ने इस योजना को सफल बनाने के उद्देश्य से 143 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
  9. जनजातीय उत्पादों की घरेलू और विदेशी मार्केटिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन आय के विभिन्न स्रोतों में मदद करेगी।

पीटीपी-एनईआर के लिए Contact Details

  • पता:- ट्राइफेड, हाउस नंबर 03, माधव कमल पथ, एएसईबी रोड, उलुबरी, गुवाहाटी, असम – 781007।
  • फोन:- +91 361 3501695
  • वेबसाइट:- https://trifed.tribal.gov.in
  • ईमेल:- [email protected] या [email protected]

 

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Conclusion

तो आज इस लेख से हमने जाना की पीटीपी-एनईआर योजना क्या है? पीटीपी-एनईआर योजना का उद्देश्य क्या है, आप कैसे इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हो तथा कौनसे राज्य पीटीपी-एनईआर योजना के लिए Eligible है या कवरेज में लिए जा चुके है. आशा है इस लेख से आपको पीटीपी-एनईआर योजना के बारे में सारी माहिती अच्छे से जानने को मिल गयी होगी। आपसे निवेदन है की अगर इस लेख से आपको value मिली हो तो कृपया इसे अन्य लोगो से भी शेयर करे और उन्हें भी इस के बारे में जानने का मौका दे.

 

FAQs: पीटीपी-एनईआर योजना 2023

1. पीटीपी-एनईआर योजना किसने शुरू की?

केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने इस योजना का शुभारंभ किया।

2. पीटीपी-एनईआर का फुलफॉर्म क्या है?

Marketing and logistics development for promotion of tribal products from North-Eastern region.

3. पीटीपी-एनईआर योजना किस मंत्रालय के तहत आता है?

Tribal Affairs of the Central Government.

4. किस राज्य में पीटीपी-एनईआर योजना का उद्घाटन किया गया है?

मणिपुर।

5. पीटीपी-एनईआर योजना के लाभार्थी कौन हैं?

आदिवासी कारीगर इस योजना के लाभार्थी हैं जो इस लेख में उल्लिखित 8 राज्यों में रहते हैं।

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