Swami Vivekananda vichar: अज्ञान का अँधेरा दूर कर देंगे यह स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार

दोस्तों हमारा भारतीय इतिहास अनेक प्रेरणादायक और महान संतो, साधु पुरुषो तथा युग पुरुषो से भरा पड़ा है जिन्होंने नेताओं के रूप में कार्य किया है। उनमें से, स्वामी विवेकानन्द 19वीं और 20वीं शताब्दी के दौरान एक प्रमुख समाज सुधारक के रूप में सामने आते हैं। उन्हें अक्सर भारत में हिंदू धर्म के पुनरुद्धार का श्रेय दिया जाता है।

उनका जीवन और शिक्षाएँ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं जो हमें आधुनिक 21वीं सदी में सरल और अधिक सार्थक जीवन जीने में मार्गदर्शन कर सकती हैं। छात्र और अन्य दोनों ही उनके दर्शन में अत्यधिक मूल्य पा सकते हैं, क्योंकि यह बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। इस ब्लॉग में हम Swami Vivekananda vichar पर प्रकाश डालेंगे और सीखेंगे की उनके यह विचार हमारे जीवन में कैसे सकारात्मक प्रभाव डाल सकते है।

Swami Vivekananda vichar

1. जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे. खुद को निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे.

2. खुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है.

3. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी.

4. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते.

5. हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं.

6. एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.

7. हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है.

8. शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है. विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है. प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है.

9. सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.

10. जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है.

11. जब तक आप अपने काम में व्यस्त हैं, तब तक काम आसान होता है, लेकिन आलसी होने पर कोई भी काम आसान नहीं लगता.

12. सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना. स्वयं पर विश्वास करो.

13. दिन में एक बार खुद से जरूर बात करो, वरना आप दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति से बात करने का मौका खो देंगे.

14. हम जितना ज्यादा बाहर जाए और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें वास करेंगे.

15. आपको अंदर से बाहर की ओर विकसित होना है. कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता, तुम्हारी आत्मा के अतिरिक्त कोई और गुरु नहीं है.

तो दोस्तों यह थे वह कुछ ऐसे Swami vivekananda vichar जो की हमारे जीवन में ज्ञान की रौशनी से अज्ञान के अंधकार को मिटाकर हमें सफलता की और ले जा सकते है.

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