पुरानी से पुरानी खांसी की घरेलू दवा, 1 मिनिट में राहत

आइये इस लेख में हम जानते है की आखिर पुरानी से पुरानी खांसी की घरेलू दवा क्या होती है यानि Purani Khansi ki Dava के बारे में!. मतलब कौनसे ऐसे घरेलु नुश्खे आजमाए जा सकते है जो पुरानी से पुरानी खांसी की घरेलू दवा के समान कहलाते है, मतलब जिसे अपनाने के बाअद इंसान की खासी चाहे जितनी बी पुरानी हो वह गायब हो ही जाएगी।

तो दोस्तों इससे पहले की हम पुरानी से पुरानी खांसी की घरेलू दवा के बारे में देखने जाए आइये पहले जान लेते है की खांसी होने के क्या क्या कारण हो सकते है.

खांसी होने के पीछे क्या कारण होते है?

तो आइये अब बात कर लेते है की आखिर क्यों हमें खांसी की समस्या होती है यानि खांसी होने के पीछे कारण कौनसा होता है.

  • खांसी एक Reflex क्रिया कहलाती है जो तब होती है जब शरीर के वायुमार्ग में जलन या सूजन हो जाती है।
  • खांसी का सबसे आम कारण श्वसन संक्रमण है जैसे सामान्य सर्दी, फ्लू और निमोनिया।
  • खांसी के अन्य सामान्य कारणों में एलर्जी, अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) शामिल हैं।
  • धूम्रपान खांसी का एक प्रमुख कारण है क्योंकि यह वायुमार्ग को परेशान करता है और सिलिया को नुकसान पहुंचाता है जो फेफड़ों से बलगम और मलबे को साफ करने में मदद करता है।
  • धूल, रसायन और वायु प्रदूषण जैसे पर्यावरण प्रदूषकों के संपर्क में आने से भी खांसी हो सकती है।
  • कुछ मामलों में, खांसी अधिक गंभीर आंतरिक स्थिति का लक्षण हो सकती है, जैसे फेफड़ों का कैंसर या दिल की विफलता।
  • यदि खांसी कुछ हफ्तों से अधिक समय तक बनी रहती है या इसके साथ सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, या खांसी में खून आना जैसे अन्य लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

पुरानी से पुरानी खांसी की घरेलू दवा (Purani Khansi ki Dava)

पुरानी से पुरानी खांसी की घरेलू दवा: खाँसी एक प्रतिवर्ती क्रिया है जो श्वसन मार्ग से जलन या बाहरी पदार्थों को साफ करने में मदद करती है। जबकि खांसी आमतौर पर श्वसन संक्रमण या एलर्जी का लक्षण है, लगातार खांसी एक अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति का संकेत हो सकती है। पुरानी खांसी के लिए कई प्रभावी घरेलू उपचार हैं जो गले को शांत करने और बेचैनी से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। यहां Purani Khansi ki Dava के रूप में 12 घरेलु उपचार दिए गए हैं:

शहद:

शहद एक प्राकृतिक कफ सप्रेसेंट है और इसमें रोगाणुरोधी गुण होते हैं। यह परेशान गले को शांत करने और खांसी को कम करने में मदद कर सकता है। गर्म पानी या चाय में 1-2 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार पिएं।

अदरक:

अदरक एक प्राकृतिक सूजन-रोधी है और सूजन के कारण होने वाली खांसी को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। 1 चम्मच पिसे हुए अदरक में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें।

हल्दी:

हल्दी में सूजन-रोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो संक्रमण या सूजन के कारण होने वाली खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं। 1 चम्मच हल्दी पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें।

लहसुन:

पुरानी से पुरानी खांसी की घरेलू दवा में लहसुन एक कारगर तत्व की अदा पेश करता है. में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने और खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं। लहसुन की कुछ कलियों को पीसकर शहद में मिला लें। इस मिश्रण को दिन में 2-3 बार खाएं।

नींबू:

नींबू में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले की जलन को शांत करने और खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं। एक गिलास गर्म पानी में आधे नींबू का रस निचोड़ें और स्वाद के लिए शहद मिलाएं। इसे दिन में 2-3 बार पिएं।

काली मिर्च:

काली मिर्च में रोगाणुरोधी गुण होते हैं और यह संक्रमण के कारण होने वाली खांसी को कम करने में मदद कर सकती है। 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर को शहद में मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें।

नमक के पानी से गरारे करें:

नमक के पानी से गरारे करने से गले की जलन को शांत करने और खांसी को कम करने में मदद मिल सकती है। एक गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच नमक मिलाकर दिन में कई बार गरारे करें।

भाप साँस लेना:

भाप लेने से वायुमार्ग को नम करने और सूखापन या जलन के कारण होने वाली खांसी को कम करने में मदद मिल सकती है। पानी को उबाल कर एक बड़े बर्तन में डालें। अपने सिर को तौलिये से ढक लें और 10-15 मिनट तक भाप लें।

नीलगिरी का तेल:

नीलगिरी के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिकॉन्गेस्टेंट गुण होते हैं जो सूजन या जमाव के कारण होने वाली खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं। एक कटोरी गर्म पानी में नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें डालें और भाप लें।

लीकोरिस रूट:

लीकोरिस रूट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और गले में जलन को शांत करने और खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं। एक कप गर्म पानी में 1 चम्मच मुलेठी की जड़ डालें और 10 मिनट के लिए भिगो दें। इसे छानकर दिन में 2-3 बार पिएं।

बादाम:

बादाम भी पुरानी से पुरानी खांसी की घरेलू दवा माना गया है क्यूंकि यह विटामिन ई का एक समृद्ध स्रोत हैं और गले की जलन को शांत करने और खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं। 5-6 बादाम रात भर पानी में भिगो दें। इनका छिलका उतारकर पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को एक चम्मच शहद में मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें।

अनानास का रस:

अनानास के रस में सूजनरोधी गुण होते हैं और यह सूजन के कारण होने वाली खांसी को कम करने में मदद कर सकता है। रोजाना एक गिलास ताजा अनानास का जूस पिएं।

जबकि ये घरेलू उपचार एक पुरानी खांसी से राहत प्रदान कर सकते हैं, यदि खांसी बनी रहती है या बिगड़ जाती है, या यदि आप बुखार, सीने में दर्द, या सांस लेने में कठिनाई जैसे अन्य लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो चिकित्सा की तलाश करना महत्वपूर्ण है।

 

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Conclusion

आशा है इस लेख से आपको पुरानी से पुरानी खांसी की घरेलू दवा क्या है यानि Purani Khansi ki Dava कौनसी है जिसे अपनाने से कितनी भी पुराणी खांसी हो उससे छुटकारा तय है.

अगर आपको इस लेख से अच्छी माहिती मिली हो तो आपसे निवेदन है की कृपया इस लेख को अपने Social media की मदद से हो सके उतने लोगो तक पहुचाये क्यूंकि आजकल खांसी की समस्या बहुत ही आम हो चुकी है और हर घर में लगभग कोई ऐसा व्यक्ति होता है जिसे अगर खांसी हो जाये तो जाने का नाम नहीं लेती. तो इस लेख से शायद उनकी बड़ी मदद हो सके. यह लेख पढ़ने के लिए आपका दिल से आभार!

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